Weak and Strong entity क्या है?
जिस entity set में सभी प्रकार के attributes नहीं होते (जैसे कि primary key) तो उन्हें weak entiry कहते हैं। इसी प्रकार जिसके attributes में primary key होता है उन्हें strong entity कहते हैं।
जैसे किसी employee के details को हम एक table (entity) में रखे है उसी प्रकार दूसरे table (entity) में उसके परिवार के विषय में जानकारी को रखे है। जिस table में employee का details रखे है उसके employee का नाम, उसका id इत्यादि जानकारियों को रखे है, तो इस table को strong entity कहेंगे क्योंकि employee id unique होता है।
उसी प्रकार दूसरे table में जिसमें उसके family के विषय में जानकारियों को रखा जाता है उसमें एक ही नाम उम्र इत्यादि के एक से अधिक व्यक्ति का नाम हो सकता है तो इसे weak entity कहेंगे। इन दोनों के बीच के अंतर को निम्न प्रकार समझ सकते हैं।
इसे भी पढ़े : Database Management System क्या है?
Difference Between Weak Entity and Strong Entity:
Weak Entity | Strong Entity |
---|---|
इसके attributes में primary key नहीं होता। | इसके attributes में primary key का होना आवश्यक है। |
इसे double rectangle से denote किया जाता है। | इसे single line rectangle से denote किया जाता है। |
यह अपने अस्तित्व लिए strong Entity पर निर्भर होता है। | यह weak entity पर निर्भर नहीं होता। |
Strong Entity से relation बनाना आवश्यक होता है। | इसमें weak entity से relation बनाते है तो उसे identifying relationship एवं strong entity से relation बनाते है use relationship कहते हैं। |
यह identifying relationship पर पूर्ण भागीदारी होती है,क्योंकि उसके relationship के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं है। | इसका identifying relationship में partially रूप से भागीदारी होता है क्योंकि इसके पास स्वयं का primary key होता है इसलिए इसके प्रत्येक tuple unique होता है। |
इन दोनों relationship में अंतर relationship डायग्राम का होता है क्योंकि यह strong से strong relationship partially होता है इसलिए इसे single dimond shap object से denote किया जाता है।
0 Comments