Buffering क्या है (What is Buffering in OS)?
यह computer के memory को उपयोग करने का एक तकनीक होता है। इसमें data को अस्थाई रूप से (temporarily) memory (RAM) में रखा जाता है।सामान्यतः buffering की आवश्यकता तब होती है जब data को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है।
Buffering के अनेक लाभ हैं जैसेः आप document को print करने के लिए command देते हैं तो इसे print buffer में रख दिया जाता है। यदि इसके बाद आप document को बंद भी कर देंगे तो भी printing का कार्य नहीं रुकेगा।
Internet से कोई video play करते हैं तो वह video, छोटे-छोटे टुकड़े में temporary memory (RAM) में load होता है जिसे buffer कहते हैं।
यदि internet की speed slow है तो आप इसे प्रत्यक्ष तौर पर देख सकते हैं जब पूरा video buffer में load हो जायेगा तो उसे आप बिना बाधा के play कर सकते हैं।
Buffering in Operating System
इसी प्रकार CD_write करते समय data को buffer में रखता है उसके बाद उसे write करता है। Buffer memory में संग्रहित करने की प्रक्रिया को buffering कहते हैं । Buffer को हम एक विशेष क्षेत्र मान सकते हैं जिसे विभिन्न devices के द्वारा share किया जाता है ।
Buffer की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि अलग-अलग devices की कार्य गति अलग-अलग होती है और किसी device से यदि computer system को कार्य कराना होता है तो वह उसके कार्य के सम्पन्न होते तक wait नहीं कर सकता इसलिए उसे buffer memory में स्थानांतरित कर देता है।
Read Also - What is Shared Device in Operating System
जिसका उपयोग उस device के द्वारा किया जाता है। इसके device अपना काम करते रहता है और computer किसी अन्य कार्य को करने के लिए ready रहता है।
Buffering के प्रकार (Types of Buffering) :
- .Single Buffering
- Double Buffering
- Circular Buffering
1. Single Buffering :
Single Buffering में, दो उपकरणों के बीच Data को स्थानांतरित करने के लिए केवल एक buffer का उपयोग किया जाता है। यह सबसे सरल बफ़रिंग है जिसे operating system support कर सकता है। इसमें केवल जब buffer empty होता है, तो ही processor फिर से data produce करता है।
2. Double Buffering :
Double buffering single buffering का एक विस्तारित संस्करण है। Double buffering में एक के स्थान पर दो स्कीम या दो buffer का प्रयोग किया जाता है। इसलिए, producer को buffer भरने के लिए wait करने की आवश्यकता नहीं है। double buffering को buffer swaping के रूप में भी जाना जाता है।
3. Circular Buffering :
जब दो या दो से अधिक Buffers का उपयोग किया जाता है, तो इसे Circular Buffering कहा जाता है। प्रत्येक buffer circular buffer में एक unit है। इस technique का उपयोग double buffering technology से जुड़े issue को solve करने के लिए किया जाता है।
इस technique का use करने से double buffering technique की भांति data transfer rate बढ़ता है कभी कभी जब process I/O के तेजी से bursts करती है तो double buffering अपर्याप्त हो जाता है। इसलिए circular buffer में प्रत्येक Individual Buffer एक इकाई के रूप में कार्य करता है ।
Reasons of Buffering (Buffering के कारण)
ऑपरेटिंग सिस्टम में buffering के निम्न तीन प्रमुख कारण हो सकते है -
- Buffering अलग-अलग processing speed वाले दो devicess के बीच एक Synchronization बनाता है। जैसे की मान लीजिये यदि हार्ड डिस्क डाटा को बहुत speed से transfer कर रहा है और प्रिंटर डाटा को slow accept कर रहा है तो ऐसे situation में buffering की आवश्यकता होती है।
- बफ़रिंग की आवश्यकता उन मामलों में भी होती है जहाँ दो devicess के अलग-अलग data block आकार का होते हैं।
- I/O operations के लिए कॉपी सेमेन्टिक्स का समर्थन करने के लिए buffering की भी आवश्यकता होती है।
0 Comments