DBMS Storage Structure and Access Method:
Database को memroy में file के रूप में संग्रहित करके रखते हैं जिसका मुख्य तत्व records होता है। Data को physical रूप से memory में electromegnatic format में रखा जाता हैं। जिसे निम्न तीन भागो में बॉटा जा सकता है:
- Primary memory
- Secondary memory
- Tertiary memory
1) Primary Memory:
Primary Memory में Secondary memory की तुलना में तेज़ access समय होता है और memory पदानुक्रम में cache memory की तुलना में तेज़ होता है। Primary memory, computer के आरंभिक memory होता है, इसमें संग्रहित data को computer सीधे ही पढ़ लेता है इसलिए इसके data को access करना आसान होता है।
Primary Memory में औसतन भंडारण क्षमता होती है जो secondary memory से कम लेकिन cache memory से अधिक होती है। प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर मेमोरी का एक भाग है जिसे सीपीयू सीधे एक्सेस कर सकता है।
2) Secondary Memory:
Secondary memory में संग्रहित data file के रूप में होता है, इसलिए उसे access करने के लिए उससे संबंधित file को ढूंढना होता है मिल जाने पर उसे electronic pulse के रूप में बदलकर पढ़ा जाता है जिसमें काफी समय खर्च हो जाता है परंतु इसकी क्षमता अधित होती है इसलिए बड़े आकार के data के लिए यह आवश्यक होता है।
Secondary Memory computer memory है जो गैर-वाष्पशील (non-volatile), स्थायी होती है और computer या processor द्वारा तुरंत पहुंच योग्य नहीं होती है। यह users को डेटा और information संग्रहीत करने की अनुमति देता है जिसे ऐप्स और सेवाओं द्वारा जल्दी और आसानी से पुनर्प्राप्त, प्रसारित और उपयोग किया जा सकता है।
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3) Tertiary Memory:
Tertiary memory का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में data को संग्रहित करके रखने के लिए किया जाता है सामान्यतः इस memory के रूप में magnetic tape/ disk या optical disk का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के memory का उपयोग data का backup रखने में किया जाता हैं।
Data का backup रखना अत्यन्त आवश्यक होता है क्योंकि data के अधार पर ही bank, company इत्यादि संस्थाए सुचारू रूप से चलती है यदि इनके पास data ना हो तो इनका कार्य ठप पड़ जायेगा। Data का सहीं प्रकार से backup रखने के लिए RAID तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
RAID शब्द का full form Redundant Array of Inexpensive Disk होता है। वर्तमान में Inexpensive के स्थान पर Independent शब्द प्रयोग किया जाता है। इसमें एक से अधिक harddisk का उपयोग किया जाता है जो fault tolerance का परिस्थितियों में उपयोगी होता है अर्थात् इसे महत्वपूर्ण data का "backup रखने की एक विधि मान सकते हैं।
इस विधि में जब कोई hard disk fail हो जाता है तो उसे हटाकर अन्य hard disk को fit किया जाता है और इसी के लिए raid में अनेक level निर्धारित हो जिसे निम्न नाम से जानते हैं:
RAID 0:
इसमें data को एक से अधिक disk में बॉटकर रखा जाता है जिसे 'disk striping' के नाम से जानते हैं। जिसमें एक से अधिक disk में data के अलग-अलग हिस्सों को एक क्रम में backup के लिए रखा जाता है यह NFS और Gaming system में उपयोग होता है। इस विधि में कार्य गति काफी अच्छी होती हैं। इसके कार्य को निम्न चित्र से समझा जा सकता है:
RAID1:
इसमें data की उसी प्रकार की प्रति (copy) एक अन्य disk में बनाई जाती है इसलिए इसे 'disk mirroring' के नाम से जानते हैं। यह fault tolerance के लिए configure होता है।
इसमें data को एक के बाद एक सभी disk में copy किया जाता है यदि कोई disk fail हो जाता है तो दूसरे से उसकी recovery की जाती है। इसे निम्न चित्र से समझ सकते हैं:
RAID 5.
यह सबसे अधिक उपयोग होने वाली method है। क्योंकि यह बहुत ही अच्छे से कार्य करता है साथ ही इसमें fault tolerance और संग्रहण क्षमता अच्छी प्राप्त होती है।
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Disk के fail हो जाने की स्थिति में इसमें parity और CRC की व्यवस्था से data को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि इसमें data को सभी disk में विभाजित करके रखा जाता है इसलिए इसे 'Distributed Parity' के नाम से जानते हैं।
RAID 10:
इसे RAID 1 और RAID 0 को मिलाकर बनाया जाता है। अर्थात् इसमें RAID 1 के गुण अच्छी क्षमता और RAID 0 के गुण अच्छा fault tolerance समाहित हो जाती है। इसलिए इसमें data recovery का भी कार्य हो जाता है। इसे निम्न चित्र से समझ सकते हैं:
Storage Access Methods:
- OAM - Object access method, introduced in MVS/SP (1989)
- Distributed Data Management Architecture - access methods for distributed file access.
- BPAM - Basic partitioned access method
- ISAM - Indexed sequential access method
- BDAM - Basic direct access method
- BSAM - Basic sequential access method
- QSAM - Queued sequential access method
- VSAM - Virtual storage access method, introduced with OS/VS
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