File System Interface In Operating System in Hindi

File system interface को निचे पूरी डिटेल्स के साथ बताया गया है कृपया ध्यान से पढ़े और last में पना रराय जरुर दे। 👇👇👇🙏

File-System Interface in OS in Hindi?

Computer में जानकारियों को संग्रहित करने के लिए संग्रहण माध्यम का उपयोग किया जाता है। जिसे दो भागों में बॉटा जाता है।

  1. आंतरिक संग्रहण माध्यम (Internal Storage) एवं 
  2. बाहरी संग्रहण माध्यम (External Storage)।

सामान्यतः आंतरिक संग्रहण माध्यम में जानकारियों का संग्रहण अस्थाई रूप में होता है। इसमें जानकारी तब तक संग्रहित रहती है जब तक computer system में power supply होते रहता है।

इसलिए जानकारियों को स्थाई रूप से memory में संग्रहित करने के लिए external storage device (HDD, CD, DVD इत्यादि) का उपयोग किया जाता है जिसमें सबसे प्रमुख storage device HDD (Hard Disk Drive) है।

Permanent storage device में जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए एक पहचान की आवश्यकता होती है, जिसके द्वारा उसे कभी भी प्राप्त किया जा सकता है। इसी पहचान को file कहते हैं।

इस पहचान को operating system user से उसके जानकारियों को physical संग्रहण माध्यम में रखने के पूर्व प्राप्त करता है। File संबंधित जानकारियों के समूह का एक पहचान होता है जो secondary storage में रखे जानकारियों को पुनः प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है।

 File का उपयोग सामान्यतः data और program (source और object code) के पहचान के लिए किया जाता है। Data file के content के रूप में numeric, alphanumeric या binary data हो सकता है। वहीं कुछ file, free form जिसे text file भी कहते हैं या rigidly format हो सकते हैं।

Attributes of file

किसी भी file का नाम आसान रखा जीता है ताकि उपयोगकर्ता को उस फाइल को सर्च करने में आसानी हो सके एक महत्वपूर्ण बात यह है कि फाइल को हमेशा एक Extention के साथ बनाना चाहिए। फाइल के कुछ ऐट्रिब्यूट्स निम्न है:

Name: 

यह हमारे द्वारा दिया गया file के लिए एक पहचान होता है। जिससे उपयोग करने पर operating system उस file के content को memory से ढूंढ कर screen पर प्रदर्शित करता है।

Identifier: 

यह एक computer के द्वारा उस file को पहचान के लिए दिया गया unique tag number होता है।

Type:

यह उस file के व्यवहार को बताने के लिए होता है जैसे: text file के लिए 'txt' लिख दिया जाता है। इसके system को यह पता चल जाता है कि उस file को किस प्रकार के application में खोलना है।

Size:

जब file को save करते हैं तो उसके content के अनुसार उसका आकार निर्धारित होता है। इसी के अनुसार वह memory में जगह घेरता है।

Protection:

यह विशेष रूप से network इत्यादि के लिए आवश्यक होता है इसमें file को अन्य उपयोगकर्ता को किस प्रकार सुरक्षित रखना है यह निर्धारित करते हैं उसके लिए read, write, access permission निर्धारित कर सकते हैं।

Time, date:

प्रत्येक file में उसके बनने या परिवर्तन करने का दिनांक, समय निर्धारित होता है।

Address: 

File को memory के जिस स्थान पर रखा जाता है उसे address कहते हैं ।

File Structure in Hindi

इसमें file का इस प्रकार ढांचा तैयार किया जाता है कि उसे operating system के द्वारा सरलता से पढ़ा जा सके। इसमें file के तत्वों को उनके प्रकार के अनुसार एक structure तैयार किया जाता है।

जैसेः लिखे हुए file को उसके अक्षरों को एक क्रम में जमाकर पंक्ति में रखा जाता है, इसी प्रकार object file को machine के द्वारा समझने योग्य भाषा (byte format) में लिखकर रखा जाता है, source file में क्योंकि procedure और function होते हैं तो उन्हें उनके आवश्यकता के अनुसार रखा जाता है।

इसका मुख्य लाभ यह है कि यह operating system के कार्य क्षमता में वृद्धि करता है क्योंकि व्यवस्थित रूप से रखे files में किसी भी तत्व को ढूँढ पाना आसान होता है। इससे उपयोगकर्ता को भी काफी सुविधा प्राप्त होती है एवं data की security बढ़ती है।

File Operations in Hindi

फाइल एक प्रकार के abstrac data होता है किसी फ़ाइल को ठीक से परिभाषित करने के लिए, हमें उन operations पर विचार करने की आवश्यकता है जो files पर किए जा सकते हैं।

Operating System files को create, write, read, पुनर्स्थापित करने, हटाने और छोटा करने के लिए सिस्टम कॉल प्रदान कर सकता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम के भीतर छह basic file operation होते हैं, जो निम्न प्रकार के होते है :

Creating a file

यहाँ फाइल को बनाने के लिए दो basic step आवश्यक होता है -

  • देखिये सबसे पहले आपको फाइल सिस्टम में फाइल्स के लिए खली जगह सर्च करना चाहिए फाइल्स के लिए स्पेस एलोकेशन के बारे में आगे discuss करेंगे।
  • दूसरी यह है कि एक न्यू फाइल के लिए  directory में एक entry बनायीं जानी चाहिए।

Writing a File

फ़ाइल में writing के लिए, आप फ़ाइल में लिखी जाने वाली जानकारी के साथ-साथ फ़ाइल के दोनों नामों के बारे में एक सिस्टम कॉल निर्दिष्ट करते हैं।

Reading a File

files से reading के लिए, आप एक सिस्टम कॉल का उपयोग करते हैं जो फ़ाइल का नाम Specified करता है और जहां memory के अन्दर file के next block को रखा जाना चाहिए।

Repositioning inside a file

किसी directory को तब उपयुक्त entery के लिए खोजा जाता है, और 'वर्तमान-फ़ाइल-स्थिति' जब सूचक किसी दिए गए मान पर स्थानांतरित हो रहा है। 

file के भीतर move करने के लिए किसी वास्तविक इनपुट आउटपुट  की आवश्यकता नहीं है। इस फाइल ऑपरेशन को file seek भी कहा जाता है।

Deleting a file

एक file ओ delete करने के लिए आपको उस specific file की directory को पता करना होगा। उस file या directory  को हटाने से सभी file के स्थान रिलीज़ (खाली) हो जाते हैं जिससे other फ़ाइलें उस स्थान का पुन: use कर सकें।

Truncating a file

Hindi  भाषा में truncatig का अर्थ छोटा करना होता है, सरल शब्दों में कहें तो , किसी file को काट-छाँट (truncating) करने का अर्थ है फ़ाइल को delete किये बिना file की content को हटाना।

Delete a file की तुलना में Truncating a file को इसे फिर से बनाना, और correct permissions और ownership सेट करना बहुत तेज़ और आसान है।

Conclutions:

नमस्ते आज हमने पढ़ा File System Interface In Operating System in Hindi. है पिछले पोस्ट में हमने What is Allocation of frames in OS in Hindi | Demand Segmentation in Operating System पढ़ा था। आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपकी काफी मदद की होगी अगर यह आर्टिकल हेल्पफुल रहा होगा तो प्लीज अपना राय निचे कमेंट में जरुर बताएं 

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