File Concepts in OS (फाइल्स की अवधारणा ):
Computer में जानकारियों को संग्रहित करके स्थाई रूप से रखने के लिए storage devices का उपयोग किया जाता है जैसेः hard disk, Floppy disk, CD, DVD इत्यादि ।
इसमें संग्रहित जानकारियों को operating system के द्वारा एक पहचान दिया जाता है जिसे file कहते हैं यह storage device के physical properties के लिए एक logical पहचान होता है।
Computer के बाहरी संग्रहण devices में संग्रहित संबंधित जानकारियों को एक नाम के रूप में पहचान देने के लिए file का उपयोग किया जाता है।
File मुख्य रूप से data और program के पहचान के लिए होता है। सामान्यतः एक file, byte, lines औरrecords के रूप में परिभाषित क्रमागत bits का एक समूह होता है, जिसे उपयोगकर्ता द्वारा बनाया एवं परिभाषित किया जाता है।
File का एक structure होता है जिसे निम्न प्रकार परिभाषित करते हैं:
File Structure:
File को उसके प्रकार के आधार पर एक ढाँचा तैयार किया जाता है उसे file structure कहते हैं। इसके विषय में पूर्व में File Structure in os विस्तार से समझाया जा चुका है।
File Attributes:
File के निम्न attributes होते हैं:
i) Name:
इसे उपयोगकर्ता द्वारा file के पहचान के लिए अपनी इच्छा के अनुसार परिभाषित किया जाता है।
ii) Type:
यह किसी file को उसके source application की पहचान के लिए system के द्वारा दिया जाता है।
iii) Identifire:
यह file को दिया गया अद्वितीय पहचान होता है। इसे unique tag कहते हैं जो एक number के format में होता है और यह file को उसके file system के पहचान के लिए दिया जाता है।
iv) Size:
File का आकार जो bytes, world या block के रूप में हो सकता है।
v) Location:
File को physical storage में जो स्थान दिया जाता है उस स्थान को location कहते हैं।
vi) Protection:
File के लिए सुरक्षा निर्धारित करना आवश्यक होता है। इसलिए file में read या write एवं access के लिए user एवं permission निर्धारित करके सुरक्षा प्रदान किया जाता है।
vii) Date/Time and user identification:
जब file को disk में सुरक्षित किया जाता है तो उसे दिये गये नाम के साथ दिनांक, समय और वर्तमान उपयोगकर्ता के लिए full permission automatic ही निर्धारित हो जाता है।
Read Also - File Organization क्या है ? और इसके प्रकार | File Organization And It's Types in OS File
File operations:
File को abstract data type भी कहा जाता है इसलिए एक database के data की तरह इसके लिए भी निम्न प्रकार permission निर्धारित कर सकते हैं:
- Create (बनाना)
- Read ( पढ़ना)
- Write (लिखना)
- Delete (मिटाना)
Reposition within file ( फाईल के अंदर का स्थान बदलना) Turncat (काटना) इसमें फाईल के तत्व को तो मिटा दिया जाता है परंतु उसका नाम सुरक्षित होता है।
File name and Extension:
Drive में संग्रहित file का नाम तो उपयोगकर्ता द्वारा दिया जाता है परंतु उसका extension, automatic ही उसके प्रकृति के अनुसार निर्धारित होता है। जिसमें से कुछ प्रमुख है:
File Type | Extension | Function |
---|---|---|
Multimedia | mp3, mp4, mpeg, avi, mov, etc. | इसके तत्व बाइनरी file के रूप में आवाज और A/V जानकारियाँ होती है |
Text | txt, doc, docx | इसमें पाठ्य सामग्री एवं डाक्यूमेंट्स होते हैं |
Library | lib, dll | computer programmer के लिए निर्धारित laibrary होती है |
Batch | bat | Command को सुरक्षित रख कर पुनः उपयोग में लाने के लिए |
Archive | arc, tar, zip | सम्बंधित file को एक समूह में रखने के लिए या उसके disk में कम स्थान पर रखने के लिए, छोटे करने में |
Object | obj | मशीनी भाषा में compile करने, लेकिन जोड़ने के लिए नहीं |
Executable | exe | जब program run होने के लिए ready होता है |
View And Print | prn, jpg, bmp, pdf | ANSII या Binary format में होता है जिसे सीधे print कर सकते है |
File Access Methods in OS:
File के लिए मुख्य रूप से निम्न तीन प्रकार के access methods का use किया जाता है
- Sequentially Access
- Direct Access
- Other Access Method
1) Sequentially Access
इस प्रकार के access तकनीक का उपयोग magnetic tape पर किया जाता है और यह निम्न प्रक्रिया का समर्थन करता है:
- read text: इसमें records को पढ़ने के लिए tape आगे बढ़ते जाता है।
- write text: इसमें record को लिखने के लिए tape आगे बढ़ते जाता है।
- rewind: इसमें tape पर कार्य करने के लिए पुनः पहले की स्थिति में लाया जाता है।
- skip n record: इस प्रकार की क्रिया कुछ स्थिति में संभव होता है और कुछ स्थिति में नहीं होता। इसमें एक निश्चित् record के अंतर में jump किया जाता है।
2) Direct Access:
इस प्रकार के access तकनीक का उपयोग magnetic disk पर किया जाता है इसमें किसी भी records में सीधे जाया जा सकता है यह निम्न प्रक्रिया का समर्थन करता है:
- read n: इसमें सीधे n records को पढ़ा जा सकता है।
- write n: इसमें सीधे n records से लिखा जा सकता है।
- Position n: इसमें n record में सीधे जा सकते हैं जो पहला या आखरी हो सकता।
- Query current record: बाद में वर्तमान record में पुनः वापस आने के लिए।
3) Other Access Method:
Direct access एवं sequentially access method की कमियों को दूर करने के लिए indexed access method का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इसमें records एक क्रम में होते हैं (sorted) इसलिए किसी भी record में जाया जा सकता है।
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