What is a Device Management (डिवाइस प्रबंधन क्या है )?
प्रत्येक operating system को इस प्रकार design किया जाता है कि उसके द्वारा computer से जुड़े समस्त device को समझ सके और उपयोग कर सके। इसमें उपयोगकर्ता के लिए कम से कम configuration होने चाहिए।
Operating system का एक और महत्वपूर्ण कार्य होता है device management, क्योंकि किसी device को वह सही प्रकार से चला नहीं पायेगा तो अनेक hardware में fault आ जायेगा इसलिए वर्तमान operating system में एक sub System होता है जिसे device manager के नाम से जानते हैं।
What is Device Management in OS |
Operating system किसी device management करते समय उसके driver का उपयोग करता है। Driver एक sub-program होता है, जो hardware और operating system के बीच एक path का कार्य करता है।
Operating system से driver को अलग रखने का एक महत्त्वपूर्ण कारण होता है कि driver में कभी भी नये function को जोड़ा जा सकता है और इसके लिए operating system को disturb करने की आवश्यकता नहीं होती।
किसी device के प्रबंधन करते समय operating system के द्वारा निम्न कार्य किये जाते हैं:
- कुशल तरीके से device का partition table बनाना।
- उसके प्रत्येक track एवं sector का record रखना एवं उन्हें सुरक्षित रखना ।
- Devices को detect करना और उसका प्रबंध करना।
Types of Device Management (डिवाइस प्रबंधन के प्रकार )
- Boot Device
- Character Device
- Network Device
1. Boot Device:
Boot Device hardware का वह भाग है जिसमें computer या पीसी को start करने के लिए आवश्यक डेटा या फाइलें होती हैं।
जैसे- हार्ड डिस्क, सीडी-रॉम ड्राइव, फ्लॉपी डिस्क ड्राइव, डीवीडी ड्राइव और यूएसबी जम्प ड्राइव बूट डिवाइस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
2.) Character Device:
computer का वह उपकरण (device) जिसके द्वारा इनपुट देने या आउटपुट लेने के लिए वर्णों की धारा को पास किया जाता है और उनकी अपनी मेमोरी नहीं होती है, उन्हें कैरेक्टर डिवाइस के रूप में जाना जाता है।
जैसे - Keyboard, tape drives and serial ports character device.
3.) Network Device:
यह एक ऐसे device होता है जो network devices के रूप में जाने वाले data pack को transmit करके Computer को network से connect करने में मदद करते हैं।
जैसे - Hub, Switch, Router, Bridge, Gateway, Modem, Repeater, Access Point.
Device के प्रकार (Types of Device in os) :
ऑपरेटिंग सिस्टम में Peripheral Device को निम्न तीन भागों में बाँटा गया है:
- Dedicated Device
- Shared Device
- Virtual Device
1. Dedicated Device:
Dedicated device, ऐसे कई डिवाइस होते हैं जब उन्हें एक process के लिए allocate किया जाता है, इस प्रकार के डिवाइस एक समय में केवल एक ही job को complete कर सकता है ।
इस प्रकार के device को एक बार process के लिए allocate करने के बाद इन्हें तब तक release नहीं किया जाता जब तक की यह उस job को पूरा न कर ले।
Example of Dedicated Device:
Dedicated Device का सबसे अच्छा उदाहरण Printers, plotters, tape drivers, ATMs, digital cameras, cellphones, washing machines, video games, and autopilots इत्यादि हैं।
2. Shared Device:
Shared Device वह device होता है जो एक ही समय में दो या दो से अधिक process के बीच share या allocated किए जा सकता है। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि -
जब एक ही device को दो या अधिक process के बीच share किया जाता है तो डिवाइस मैनेजर (device manager) को interleaving को carefully control करना चाहिए और pre-determined policies को सभी कठिनाइयों का समाधान करना चाहिए।
Example of Shared Device:
Shared Device का सबसे अच्छा उदाहरण - HDDs or SDDs, Tape silos, Optical Jukeboxes, इत्यादि है।
3. Virtual Device:
Virtual Device Dedicated device और shared device का combination होता है अर्थात् जब dedicated device को shared device में परिवर्तित (convert) किया जाता है तो इसे virtual device के नाम से जाना जाता है।
Example of Virtual Device:
Virtual device का सबसे अच्छा उदाहरण प्रिंटर है क्योकि spooling program का use करके एक प्रिंटर को dedicated device से एक shared device में बदला जा सकता है।
Note - Device के प्रकार को next पोस्ट में डिटेल्स के साथ पढेंगे।
Techniques for Device Managements:
Device प्रबंधन के लिए निम्न कार्य किया जाता है:
- Device को detect करना या उसको जोड़ना ।
- Device को मिटाना ।
- Device को allocate करना ।
- रजिस्ट्रेशन करना ।
- Process करके device को सीमित करना ।
- Device को साझा करना ।
- Device को नियंत्रित करना ।
- Device के access का प्रबंधन करना ।
- Device के लिए buffer का प्रबंधन करना ।
- Device के कतार का प्रबंधन करना ।
0 Comments