Database Management system (DBMS) क्या है?

Database Management system (DBMS) क्या है?

Database एक ही प्रकार के संबंधित data item का संगठित समूह होता है, जिसका उपयोग किसी विशेष प्रकार के application में किया जाता है। 

Management एक ऐसा महत्वपूर्ण पहलू है, जिसके द्वारा किसी भी system को व्यवस्थित रूप से चलाया जा सकता है। इस management (प्रबंधन) से आवश्यकतानुसार सूचनाओं को संगठित कर व्यवस्थित किया जा सकता है। 

उदाहरण के लिए किसी university के विद्यार्थियों के विषय में सूचनाओं का संकलन करना विश्वविद्यालय के management का केन्द्र बिन्दु होगा।

Definition of DBMS (Database Management System):

Data को संग्रहित करके manage करना, डाटा Data आधारित प्रबंधन प्रणाली(Database Management System (DBMS)) कहलाता है। 

Database का अर्थ हम इस उदाहरण से समझ सकते हैं जैसे किसी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से संबंधित जानकारियों को एक सारणी (table) के format में लिखा जा सकता है जिससे कि प्रत्येक विद्यार्थी का नाम, कोर्स का नाम, कोर्स क्रमांक, विद्यार्थी क्रमांक और सैक्शन इत्यादि records हो और इन्हीं records के collections को database कहा जाता है। 

डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) से आप क्या समझते हैं?

किसी business or organization में विभिन्न प्रकार के database का उपयोग किया जाता है। इसमें personal file, customer file, supplier file, stock file इत्यादि को रखा जाता है। इस प्रकार की file को database कह सकते हैं। निम्न उदाहरण में एक database को दिखाया गया है:

database management system in hindi
Database Management Concept

इस प्रकार database एक ही प्रकार के records का collection होता है, जिसका उपयोग किसी विशेष प्रकार के application के लिए किया जाता है। इस प्रकार के database को Database Design and Rdbms (ORACLE) manually or electronically दोनों प्रकार से रख सकते हैं। 

The following terms are used in the database:

a) Record:

किसी file में या किसी table में एक row को record कहा जाता है। इसमें किसी एक data item से संबंधित सभी प्रकार के information को store किया जाता है।

b) Field:

इसमें किसी एक information को स्टोर किया जाता है। सबसे छोटा data item जिसे computer में store किया जाता है उसे data field कहा जाता है। इसमें character and numerical दोनों का उपयोग किया जा सकता है। जैसे Costumer name, address, city, country name, phone s database field उदाहरण हैं।

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c) Files:

जब कई data records को एक साथ किसी विशेष order में रखा जाता है, तब इसे file कहा जाता है। जैसे इसमें कई customers, staff इत्यादि के records को रखा जाता है।

d) Database:

जब कई files को एक साथ store करके उसका उपयोग किसी विशेष application में किसी विशेष कार्य हेतु किया जाता है, तब इसे database कहते हैं। 

उदाहरण के लिए stock file, personal file, costumer file, staff file इत्यादि को एक साथ स्टोर करने पर एक database तैयार होता है, जिसका उपयोग किसी organization में किसी विशेष उद्देश्य से किया जाता है जिसे database कहा जाता है। इसे निम्न चित्र के माध्यम से समझा जा सकता है:

database flow
Figure: Database Flow

किसी भी DBMS को मुख्य रूप से सूचनाओं के बहुत बड़े समूह को manage करने के लिए बनाया जाता है। Management में निम्न दो मुख्य concepts होते हैं: 

  • आकड़ों को संग्रहित करने की तकनीक
  • सूचनाओं पर प्रक्रियाएं करने के तरीकों का प्रावधान 
database management concept in hindi
Figure: Database Management Concept

DBMS के लाभ (What are the Advantages of DBMS)?

Database के निम्न लाभ होते हैं:

i) Reduction of redundancy (व्यर्थ के डाटा संग्रह में कमी):

अनावश्यक data duplication को रोकने के लिए, Database को centralized control किया जा सकता है। इसमें extra processing cost भी कम होता है। 

यदि data को file system के द्वारा store किया जाता है तब same data को कई जगह पर store किया जा सकता है। इससे data की duplication है और इसे control करना कठिन होता है।

ii) Data sharing (आकड़ों का सर्वव्यापी प्रयोग):

Database में एक ही data का कई applications or users के द्वारा access किया जा सकता है। जिससे data sharing में वृद्धि होती है और इसे control करना आसान होता है।

iii) Data security (आकड़ों की सुरक्षा) :

Data किसी organization के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। विशेष रूप से बैकिंग संस्थाओं में बहुत उपयोगी होता है। इसलिए इसे secure रखना आवश्यक है ताकि data को किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा access करने से बचाया जा सके। 

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Database Administrator (DBA) का यह दायित्व होता है कि वह database को इस प्रकार से उपयोग करे कि database security बनी रहे, अर्थात् डाटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न प्रकार के security tools जैसे: password, used code इत्यादि का प्रयोग करना, जिससे एक उपयोगकर्ता दूसरे के data को क्षति न पहुॅचा सके एवं प्रत्येक उपयोगकर्ता की पहचान किया जा सके।

vi) Data integrity (आकड़ों में अखंडता):

Database में store किए गए data शुद्ध अर्थात् निर्धारित validation or format के अनुसार रहना चाहिए। Data value जिसे database में store किया जाता है उसे enter करने के पहले एक specify range or निश्चित format में होने चाहिए। 

उदाहरण के लिए किसी voter के age 18 वर्ष या इससे अधिक होने चाहिए और गलती से भी डाय negative में type नहीं होना चाहिए। इसके लिए विभिन्न प्रकार के condition को database में apply किया जाता है, जिसे data integrity कहा जाता है। 

v) Administrative control (प्रशासनिक नियंत्रण):

Database को Database Administrator के control में रखा जाता है। ताकि विभिन्न प्रकार के user और application के आवश्यकता को पूरा किया जा सके। यदि किसी प्रकार की Conflict होती है तब इसे Database administrator के द्वारा निदान किया जाता है। 

vi) Physical Data Independence (आकड़ों की भौतिक स्वतंत्रता ):

जब किसी Database के storage device or file के organization में किसी प्रकार का परिवर्तन किया जाता है और इसका effect database पर नहीं होता है, तब इसे physical data independence कहा जाता है। इसका लाभ उस समय होता है जब किसी database में किसी प्रकार का परिवर्तन किया जाता है।

vii) Logical Data Independence (आकड़ों का तार्किक स्वतंत्रता): 

यदि किसी database में किसी नये field को add किया जाता है या उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन किया जाता है और इसका effect application program पर नहीं होता है तब इसे logical data independence कहा जाता है। इसे database के द्वारा प्राप्त किया जाता है।

DBMS के हानि (What are the Disadvantages of DBMS)?

i) Costly (महंगा):

इसका मुख्य disadvantages, अतिरिक्त लागत होती है। क्योंकि database software की कीमत बहुत अधिक है। इसे operate करने के लिए costly hardware की भी आवश्यकता होती है और इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन करना भी बहुत महंगा होता है। इसलिए DBMS software, file system से अधिक महंगा होता है।

ii) Overhead Cost (अतिरिक्त लागत):

DBMS में processing overhead cost की आवश्यकता होती है DBMS में security, integrity, sharing of data इत्यादि के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। 

इसके अतिरिक्त यदि database की एक system से अन्य पर Migrate करने (एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी extra cost की आवश्यकता होती है।

iii) Lack of Application (एप्लीकेशन में कमी) :

Database में data को centralized store किया जाता है जिससे किसी प्रकार की duplication की सम्भावना नहीं होती है। इससे किसी प्रकार की data failure में data को recover करना कठिन होता है या सम्भव नहीं होता है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के backup or recovery of application की आवश्यकता होती है।

iv) Centralization of Data:

DBMS में सभी प्रकार के data को एक जगह में centralized किया जाता है। इसमें main computer में किसी प्रकार की failure होने से पूरा system कार्य करना बंद कर देता है।

Uses of Database (डाटाबेस का प्रयोग):

  • एयरलाईन्स एवं रेल्वे आरक्षण के क्षेत्र में।
  • किसी संगठन के लिए सूची (inventory), विक्रय (sales), वित्त (finance), क्रमिक विभाग (personnel department) के data को संग्रहित करने के लिए database का उपयोग किया जाता है।
  • Library में database management system का उपयोग पुस्तकों के records को maintain करने के लिए किया जाता है।
  • Database की आवश्यकता modeling एवं simulation में भी होती है।
  • विभिन्न प्रकार के enterprise resource की योजना बनाने में database तकनीक का उपयोग किया जाता है।
  • Database का उपयोग किसी banking कार्यों जैसेः transaction इत्यादि में किया जाता है।
  • Database का उपयोग किसी project के analysis में भी किया जाता है।
  • Database का प्रयोग hotel इत्यादि व्यवसाय के records maintain करने के लिए किया जाता है।
  • Tele communication के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ जैसे: e-mail, pages, mobile इत्यादि में भी database तकनीक का उपयोग किया जाता है।

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