What is Verification and Validation and its differenc | software engineering in hindi

What is Verification?

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि कोई product, project या service जो बना रहे है वह हमारे आवश्कयताओं को पूरा कर सकता है या नहीं। इन दोनों के बीच के अंतर को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं।

जो हम जुता पहनते हैं उसे किसी company द्वारा बनाया गया है तो company बनाने के बाद उसका जो test करती है उसे Verification test कहते हैं क्योंकि company जुता बनाने के बाद उसमें sole सही लगा है या नहीं, सिलाई सही प्रकार से हुई है या नहीं, नाप सही है य नहीं इसकी जॉच करेगा यदि सभी सही है तो उसे दुकान में बेचने के लिए भेज देगा।

Activities involved in verification (Verification में शामिल गतिविधियाँ ):

  1. Inspections
  2. Reviews
  3. Walkthroughs
  4. Desk-checking

What is Validation?

इसके पश्चात् दुकनदार उसको ग्राहक को दिखायेगा, ग्राहक उसे पहनकर check करेगा यदि वह उसके expectation के अनुरूप है तो वह खरीद लेगा अर्थात् ग्राहक जो check किया उसे validation test कहेंगे।

अनेक बार ऐसा होता है कि कोई product, system या service Verification test तो पास कर लेता है परंतु validation test में fail हो जाता है आर्थात् ऐसा जुता जो company से बनकर तो आ गया है परंतु उसे किसी भी ग्राहक द्वारा पसंद नहीं किया जा रहा है। इसी प्रकार जुता यदि company में जॉच में ही fail हो जाता है जैसे उसकी सिलाई अच्छी नहीं हुई है तो वह Verification test में ही fail हो जाता है। इस प्रकार Verification test पहले किया जाता है और validation test बाद में होता है।

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Activities involved in Validation (Validation में शामिल गतिविधियाँ ):

  1. Black box testing
  2. White box testing
  3. Unit testing
  4. Integration testing

इन दोनों के बीच के अंतर को एक शब्द में निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है:

Verification : Are we building the shoes right? “क्या हम जूते सही बना रहे है ?"

Validation:  Are we building the right shoes ? “क्या हम सही जूते बना रहे है ?"

Barry Boehm ने Verification और Validation को निम्नलिखित बताया है :

Verification: Are we building the product right?
Validation: Are we building the right product? 

जिसका हिंदी में मतलब कुछ इस प्रकार से हो रहा है - 

Verification: क्या हम उत्पाद का निर्माण सही कर रहे हैं?
Validation : क्या हम सही उत्पाद बना रहे हैं

इसमें Verification में अपने अनुसार जॉच के लिए प्रश्न किया जा रहा है जबकि validation में प्रश्न किसी अन्य के आवश्यकता के अनुसार है या नहीं इसके लिए प्रश्न किया जा रहा है। इसके अतिक्त इन दोनों के बीच कुछ और महत्वपूर्ण अंतर होते हैं जो निम्नानुसार है:

What is the difference between verification and validation?

S.N. Verification Validation
1 यह एक static practice होता यह dynamic mechanism होता है।
2 यह document, design, code इत्यादि के जाँच में काम आता है। यह वास्तविक product मान्य है या नहीं इसकी जाँच करता है।
3 इसमें code को execute करने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें code का execute किया जाना आवश्यक होता है
4 इसमें documents और file की जॉच मनुष्य अपनी क्षमता के अनुसार करता है। इसमें जाँच के लिए computer अधारित execution program होते है
5 यह निम्न level की जाँच है। क्योंकि यह validation के द्वारा न पकड़ सकने वाले error को नहीं पकड़ पाता। यह उच्य level की जाँच है क्योंकि यह Verification द्वारा न पकड़े गये error को भी पकड़ लेता है।
6 इसके द्वारा इस बात की जाँच की जाती है कि software specification के अनुरूप है। या नहीं। इसमें इस बात की जाँच की जाती है कि software ग्राहक के आवश्यकतानुसार है या नहीं।
7 इसमें inspections, review, desk checking, walkthrough जैसे तकनीक उपयोग होता है। इसमें white box (structural), black box (functional), gray box जैसे जॉच तकनीक का उपयोग होता है।
8 Product Software SRS दस्तावेज के अनुसार है इसे quality assurance team member के द्वारा सत्यापित किया जाता है। Product testing team के साथ मिलकर सत्यापित किया जाता है।
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