जब आप computer program type कर लेते हैं उसके पश्चात् code सही format/syntax में लिखा गया है या नहीं इसे जॉच करने को compilation कहते हैं यदि code सही प्रकार से लिखा गया है तो वह compile होकर machine code में बदल जाता है। इसके पश्चात् उसे run किया जाता है, जिसे program execution कहते हैं जो output produce करता है।
इसे इस प्रकार समझ सकते हैं, आप गेहु को आटा में बदलने के लिए चक्की लेकर जाते हैं तो सबसे पहले उस गेहु की जॉच की जाती है, कि वह पिसाने के लायक है या नहीं, यदि वह गीला है तो आटा नहीं बन सकता, इस जॉच की प्रक्रिया को compilation मान सकते हैं और जब वह सही होता है तो उसे run किया जाता है उसे execution कहते हैं।
उपरोक्त डायग्राम में अत चक्की के कार्य को प्रोग्राम के compilation एवं execution से तुलना किया गया है।
Difference between Program Compilation & Execution
Compilation | Execution |
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1. कम्पाइलर का कार्य हमारे द्वारा लिखा गया भाषा(High Level Language) या कोड को मशीन भाषा (Machine Language) में कन्वर्ट करना होता है | जबकि execution का कार्य मशीन language में कन्वर्ट कोड को एक्सीक्यूट करने के लिए होता है |
2. कम्पाइलर एरर का पता नहीं लगाता | एक्चुअल एरर execution के दौरान पता चलता है |
3. Compilation Source कोड को ऑब्जेक्ट कोड में बदलने की एक प्रक्रिया है | यह ऑब्जेक्ट कोड को एक्सीक्यूट (Run) करने की एक प्रक्रिया है |
4. यह कंपाइलर की मदद से किया जाता है | यह Processor की मदद से किया जाता है |
5. कुछ कंपाइलर मशीन भाषा उत्पन्न करते हैं, कुछ असेंबली भाषा उत्पन्न करते हैं, कुछ अधिक पोर्टेबल कोड उत्पन्न करते हैं जैसे सी कोड, कुछ अमूर्त मशीन कोड बनाते हैं। | Execution एक प्रोग्राम चलाने या निर्देश द्वारा बुलाए गए ऑपरेशन को पूरा करने की प्रक्रिया है |
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