What is the Concurrent Development Model in Software Engineering?
Concurent Development Model वे मॉडल हैं जिनके भीतर तेजी से विकास और बेहतर परिणाम के लिए software developments की विभिन्न activities एक ही समय में होती हैं । concurrent model को parallel working model के रूप में भी जाना जाता है।
Concurrent Development Model का उपयोग framework के कार्य, software engineering के कार्य एवं इसी प्रकार अन्य कार्य को करने में किया जाता है। यह system engineering project के लिए होता है। जिसे पूर्ण करने में अनेक engineers का समूह कार्य कर रहे होते हैं।
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क्योंकि यह engineering संबंधित कार्यों के लिए होता है इसलिए इसे concurrent engineering भी कहा जाता है। Software engineering में कुछ निम्न प्रकार के task परिभाषि होते हैं -
इसमें प्रत्येक घटनाओ को एक क्रम में परिभाषित किया जाता है। इसी के अधार पर software engineering activity जैसे action, task इत्यादि कार्य करते हैं।
What is Unified Process in Software Engineering?
Unified Process एक आर्किटेक्चर सेंट्रिक, यूज केस ड्रिवेन, इटरेटिव और इंक्रीमेंटल डेवलपमेंट प्रोसेस है। unified process को unified software development process के रूप में भी जाना जाता है
इस process का उपयोग विभिन्न software system में किया जाता है। इसका अर्थ हिन्दी में एकीकृत प्रक्रिया होता है अर्थात विभिन्न process को एक साथ मिलाकर करना इसे निम्न diagram से समझते हैं:
Unified Process Daigram in software engineering |
उपरोक्त diagram में 4 phases दिये गये है जिनका निम्न प्रकार उपयोग करते हैं:
Inception (स्थापना):
इस phase में business modeling की आवश्यकता सबसे अधिक होती है उसके पश्चात् software की आवश्यकता को देखा जाता है। Analysis और design, implementation, test एवं deployment की आवश्यकता बहुत ही कम होती है।
Elaboration (सहयोग):
इस phase के पहले भाग में business modeling की आवश्यकता सबसे अधिक होती है साथ ही software की आवश्यकता का निर्धारण इसी phase में होता है। इस phase में Analysis और design, implementation, test एवं deployment का कार्य काफी हद तक किया जाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि software development संबंधित सभी कार्यों को बड़ी मात्रा में इसी phase में किया जाता है।
Construction (निर्माण):
इस phase में business modeling, requirement की आवश्यकता बहुत कम होती है। लेकिन इस phase में analysis और design का कार्य ज्यादा से कम होते जाता है लेकिन implementation का कार्य सबसे अधिक होता है। test एवं deployment की भी आवश्यकता समय-समय पर पड़ते रहता है।
Transition (परिवर्तन) :
इस phase में software के deployment की आवश्यकता सबसे अधिक होती है यह software निर्माण की अंतिम प्रक्रिया होती है। इस phase में business modeling, requirement कीआवश्यकता बहुत कम होती है। लेकिन इस phase में analysis, implementation, test और design का कार्य बहुत ही कम हो जाता है।
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