What is Software Configuration Management ?
इसके द्वारा software product या system के configuration प्रबंधन करने का कार्य कर सकते हैं। इसमे project का तकनीकी पहलू, संगठन एवं विकास के चरण के दौरान organization के योजना में बदलाव पर control होता है। इसलिए इसे software control management भी कहते हैं।
इसका कार्य बड़े एवं जटिल software system के परिवर्तन में नियंत्रण स्थापित करना होता है। इस system में यह योग्यता होती है जिससे कि यह software project के परिवर्तन को manage और नियंत्रित कर सकता है।
यह परिवर्तन को control करने के लिए एक process परिभाषित करके बदलाओ के बीच के अंतर को समाप्त करने की कोशिश करता है।
Advantage of Software Configuration Management
Software Configuration Management (SCM) के कुछ लाभ निम्नलिखित हैः
- यह team में कार्य को बढ़ावा देता है।
- समस्या पर नजर रखता है और यदि यह सुनिश्चित हो जाता है कि system में समस्या है तो वह उसे source को वापस कर देता है।
- एक से अधिक process को एक साथ update कर सकता है।
- यह निर्माण प्रबंधन में मदद करता है, यह मदद करने के लिए निर्माण कार्य में उपयोग हो रहे tools का भी उपयोग कर सकता है।
- यह आनावश्यक कार्य को समाप्त करने का कार्य करता है।
What is Software Cost Estimation ?
एक Complete Software प्रोडक्ट बनाने पर आने वाली लागत को गणना करने की process को software cost estimation कहते हैं । Software को बनाने में लगने वाली लागत का अनुमान लगाना काफी कठीन कार्य होता है सामान्यतः इसे develop करने में लगने वाले समय से अनुमान लगाया जाता है। परंतु यह सही नहीं है आपको निम्न तत्वो पर भी ध्यान देना होगाः
Training:
Software के development में कार्य कर रहें staff को कितने दिनों की training की आवश्यकता है और उसका लागत क्या होगा।
Managing:
Software के management में में कितने employee की आवश्यकता होगी और उनके salary में लगभग कितना खर्च होगा।
Languages and software:
Software के develop करने में किस प्रकार के languages एवं softwares की आवश्कयता होगी और उनका cost क्या होगा।
Server:
Software किसी एक व्यक्ति के द्वारा नहीं बनाया जा सकता उसके लिए एक team की आवश्यकता होती है साथ ही सभी को साथ में मिलकर कार्य करने की आवश्यकता होती है इसके लिए सभी के कार्य को एक server computer पर रख दिया जाता है जिसमें सभी का कार्य उसी में सुरक्षित होता है। यहाँ यह देखा जाता है कि उस server का cost क्या होगा जो project के दौरान कार्य करेगा।
Buying extra equipment:
Software development के लिए आपके पास जितने भी उपकरण है यदि वह पर्याप्त नहीं है तो जो अतिरिक्त equipment खरीदना होगा उसकी लागत क्या होगी।
What are the 3 main methods of cost estimating?
Software के लागत (Cost) का अनुमान लगाने के लिए निम्न तीन श्रेणी होता है:
1.) Software productivity equipment:
Software productivity का अनुमान लगाने के लिए उनके गुणो को मापने और विकास की आवश्कयता हेतु किये गये कुद प्रयास से इसे विभाजित करने पर अधारित होता है, Software metrics के निम्न दो प्रकार होते हैं:
i) Function related software metrics:
यह software के सपूर्ण functionality पर निर्भर करता है। Function point एवं object point इसी प्रकार का एक metrics होता है।
ii) Size related software metrics:
यह metrics software के अकार के आधार पर होता है। इस प्रकार के metrics source code के line से संबंधित होता है इसमें यह देखा जाता है कि programmer एक दिन में या प्रत्येक माह कितना source code लिखता है।
2.) Development cost equipment techniques:
3.) Algorithmic cost modeling:
Example
efort = a x sizeB x m
यहाॅ a, constant factor है, size को या तो code का आकार या software के लिए expressed function, object point मान सकते हैं, m, compile process के लिए multiple code होता है।
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