Instances and Schema क्या है? (What is instance & Schema in DBMS)
Database के design को schema एवं एक समय में संग्रहित जानकारियों को instance कहते हैं। इनके कार्यों को इस प्रकार से समझ सकते है -
Instances किसे कहते हैं?
समय कुछ खास पल में जब database में data को संग्रहित किया जाता है तो उसे instance of database कहेंगे। Database schema में database से संबंधित table में variable परिभाषित होता है।
Variable के मानों का database में किसी विशेष समय में store होनें को instance of database कहते हैं। इसका उपयोग सम्पूर्ण database वातावरण को परिभाषित करने में होता है।
Schema किसे कहते हैं?
Database के design को schema कहते हैं। इसमें database का सम्पूर्ण design किया जाता है। Schema को निम्न तीन प्रकारों Physical schema, Logical schema, View schema में विभाजित किया जा सकता है।
इनके कार्यो को निम्न diagram से समझ सकते हैः
Schema in DBMS |
i) View schema:
जब database में दृश्य स्तर (view level) का design किया जाता है तो उसे view schema कहते हैं। इसमें आमतौर पर अंतिम उपयोगकर्ता का database system के साथ परस्पर प्रभाव का वर्णन होता हैं।
ii) Logical schema:
जब database में तार्किक स्तर (logical level) का design किया जाता है तो उसे logical schema कहते हैं। इस level में programmer और database administrator कार्य करते हैं।
इसमें physical level के data संरचना के कार्यान्वयन को छिपा कर रखा जाता है अन्य प्रकार data संरचना पर किये जाने वाले कार्यों को इसी level में किया जाता है जैसेः data के विभिन्न प्रकार का वर्णन करना ।
iii) Physical schema:
जब database में भौतिक स्तर (physical level) का design किया जाता है तो उसे physical schema कहते हैं। इस स्तर पर स्टोरेज के ब्लाक में संग्रहीत data का वर्णन किया जाता है।
Data Independence in DBMS:
Database system को यदि multilayered में design नहीं किया जायेगा तो उसमें परिवर्तन का कार्य काफी कठीन हो जायेगा ।
Multi-layered का लाभ यह है कि जब data के किसी एक layer में परिवर्तन किया जाता है तो उसका प्रभाव किसी अन्य layered पर नहीं होता और इसे ही data independence कहते हैं। Data independence को निम्न दों प्रकारो में विभाजित किया जा सकता है:
i) Logical Data Independence:
जब logical schema में इस प्रकार बदलाव किया जाता है कि उसका प्रभाव किसी अन्य schema पर नहीं पड़ता तो उसे logical data independence कहते हैं।
जैसे: table format में बिना किसी बदलाव के disk में रखे गये data को बदला जा सकता है। Logical data independence एक प्रकार का तंत्र है जो disk में संग्रहित data से खुद को अलग करता है।
ii) Physical Data Intependence:
Logical shema में data, disk में bit format में संग्रहित होता है, जबकि physical data स्वतंत्र रूप में disk में रहता है। इसमें data को बिना किसी नुकसान के बदला जाता है।
जैसेः आप अपने computer के hard disk को बदलकर नया लगाते है तो data जो नये disk में होगा वह भी पुराने की तरह same होगा केवल उसका address अलग होगा अर्थात् data physical independence है इसलिए उसके स्थान बदलने पर logical shema में कोई परिवर्तन नहीं आयेगा।
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