A Generic View Of Process In Software Engineering B.C.A.3rd Notes Download in Hindi

A Generic View Of Process (Software Process का सामान्य दृश्य ):

हेल्लो दोस्तों ..! आज हम लोग B.C.A. 3rd Year Software Engineering Subject का Unit - 1 A Generic View Of Process  का अध्ययन करेंगे | तो चलिए निचे दिए गए शब्दों को पढ़ करके समझते है :

A Generic View of Process:

Process का तीन generic view होता है। जिसे generic phases कहते हैं इन्हें project के आकार, प्रकार, लागू करने का क्षेत्र एवं उसके complexity के अधार निम्न तीन phase में बॉट सकते हैं:

  1. Definition phase
  2. Development phase
  3. Maintenance phase
  4. Definition phase:

1. Definition Phase:

इस phase में “क्या" प्रश्न पर focus किया जाता है अर्थात् इसमें software engineer का कार्य यह पहचानना होता है कि कार्यवाही करने के लिए क्या जानकारी चाहिए, प्रदर्शन के लिए क्या function और performance की आवश्यकता है, आवश्यक condition के लिए क्या validation नियम है, तैयार करने के लिए, interface का प्रकार क्या होना चाहिए और तैयार design में क्या कमी है। इन सभी प्रश्नो का उत्तर, system विश्लेषण, software का project planning एवं आवश्यकता का विश्लेषण करके प्राप्त किया जा सकता है।

2. Development phase.

इस phase में "कैसे" प्रश्न पर focus किया जाता है अर्थात इसमें software engineer के द्वारा यह परिभाषित करने कोशिश की जाती है कि data का बनावट कैसे होना चाहिए, software architecture के अन्तर्गत function कैसे तैयार करना है, Interface कैसे दिखना चाहिए, कैसे design का programming भाषा में अनुवाद किया जायेगा और परिक्षण कैसे किया जायेगा। इन सभी प्रश्नो का उत्तर, 'software design, coding और software testing से प्राप्त किया जा सकता है।

3. Maintenance phase:

इस phase में "परिवर्तन" पर focus किया जाता है जो गलतियो में सुधार, adaptation की आवश्यकता, वृद्धि और निवारण से संबंधित होता है। इन प्ररिवर्तन को निम्न प्रकार परिभाषित करेंगेः

a) Error correction (गलतियो में सुधार)

ग्राहक के द्वारा software के दोषो को बताया जाता है। इसके पश्चात् उससे संबंधित दोषो को दूर करके software को maintenance किया जाता है।

b)Adaptation (अनुकुलन)

समय के साथ software में बदलने की आवश्यकता होती है क्योंकि CPU, OS एवं व्यापार का नियम बदल जाता है तो software को इस प्रकार होना चाहिए कि उसमें बाहरी वातावरण में परिवर्तन के अनुसार उसमें संशोधित किया जा सके।

c) Enhancement (get):

जब software का उपयोग किया जा रहा हो तब ग्राहक को लाभ पहुचाने के लिए अतिरिक्त function होने चाहिए। software का सही प्रकार से रख रखाव करते हुए उसके function में वृद्धि करते रहना चाहिए।

d) Prevention maintenance (निवारक रखरखाव):

समय में बदलाव की वजह से software खराब हो जाता है । इसलिए software को पुनः prevention maintenance है जिससे software अंतिम उपयोगकर्ता की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। Prevention maintenance से computer program को बदला जाता है जिससे उसमें सरलता से error correction किया जा सके, उसमें अनुकुलन हो और उसमें वृद्धि आसान हो ।

जब आप Google Play Store  से कुछ software Download किये रहते हो तो वहा पर उस Software को अपडेट करने के लिए बोलते है अपडेट करना इसलिए आवश्यक होता है क्योकि सॉफ्टवेर Team उसमे अधिक से अधिक future Provide करते है जिससे हैकर से बचा जा सके | इसी को Software Maintenance कहा जाता है |

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